अपने लिए भी जीना शुरू कर अपने लिए भी जीना शुरू कर। अपने लिए भी जीना शुरू कर अपने लिए भी जीना शुरू कर।
शंखनाद हुआ शंखनाद हुआ
ना कोई मेरी मंत्र पूजा ना ही कोई मूर्ति याचना। ना कोई मेरी मंत्र पूजा ना ही कोई मूर्ति याचना।
मुश्किलों से ये हुनर आता कहीं मुद्दत में है, काम आसां यार ये हरगिज़ ग़ज़लकारी नहीं मुश्किलों से ये हुनर आता कहीं मुद्दत में है, काम आसां यार ये हरगिज़ ग़ज़लकारी नह...
देह है चरखा भाव की पूणी गड्डमड्ड लोक-व्यवहार, नेह बावरा पल-पल ताके झूर-झूर मनुहार देह है चरखा भाव की पूणी गड्डमड्ड लोक-व्यवहार, नेह बावरा पल-पल ताके ...
यदि सेहत,उपलब्धि की,चाहत है भरपूर। तो फिर स्वाद, विवाद से ,रहना होगा दूर।। यदि सेहत,उपलब्धि की,चाहत है भरपूर। तो फिर स्वाद, विवाद से ,रहना होगा दूर।।